Sikh and muslim relationship
How is sikhism similar to hinduism...
निरंकार देव सेवक की जन्मशतवार्षिकी पर साहित्य अकादमी की संगोष्ठी
नई दिल्लीः साहित्य अकादमी द्वारा प्रख्यात लेखक एवं बाल साहित्यकार निरंकार देव सेवक की जन्मशतवार्षिकी के अवसर पर ‘निरंकार देव सेवक और बाल साहित्य’ विषयक संगोष्ठी का आयोजन किया गया.
कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में उद्घाटन वक्तव्य प्रख्यात कवि एवं बाल साहित्यकार बाल स्वरूप राही ने दिया.
इस कार्यक्रम में बीज वक्तव्य बाल साहित्यकार प्रकाश मनु को देना था, लेकिन दुर्घटनावश चोट लगने के कारण वे नहीं आ सके.
Guru granth sahib on islam
अतः उनका बीज वक्तव्य श्याम सुशील द्वारा प्रस्तुत किया गया. इस अवसर पर विशिष्ट अतिथि के रूप में निरंकार देव सेवक की पुत्रवधू एवं प्रख्यात संगीतकार पूनम सेवक विशेष रूप से उपस्थित थीं. स्वागत वक्तव्य साहित्य अकादमी के सचिव के श्रीनिवासराव ने दिया.
उद्घाटन वक्तव्य देते हुए बाल स्वरूप राही ने कहा कि भारतीय बाल साहित्य को हेय दृष्टि से देखने की ज़रूरत नहीं है.
भारतीय बाल साहित्य विश्व के किसी भी देश के श्रेष्ठ बाल साहित्य के समकक्ष है. उन्होंने कहा कि बाल साहित्य में दो विशेषताएं अवश्य होनी चाहिए जिससे कि बाल मन की भावनाएं औ